भारत में मैगी की कीमत 1 जनवरी, 2025 से बढ़ने की संभावना है। यह वृद्धि स्विट्जरलैंड और भारत के बीच व्यापार विवाद के कारण हो सकती है। स्विट्जरलैंड ने 1994 के दोहरे कराधान बचाव समझौते के तहत एमएफएन खंड को निलंबित करने का निर्णय लिया है, जिससे मैगी की कीमतों पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
भारत में मैगी की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी
भारत में लोकप्रिय इंस्टेंट नूडल्स मैगी की कीमतों में 1 जनवरी, 2025 से वृद्धि हो सकती है। यह वृद्धि भारत और स्विट्जरलैंड के बीच व्यापार विवाद के कारण संभावित है। स्विट्जरलैंड ने 1994 के दोहरे कराधान बचाव समझौते (डीटीएए) के तहत मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) खंड को निलंबित करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव का असर मैगी की कीमतों पर पड़ने की उम्मीद है।
व्यापार विवाद का भारत पर प्रभाव
स्विट्जरलैंड द्वारा 1994 के दोहरे कराधान बचाव समझौते के तहत एमएफएन खंड को निलंबित करने का फैसला अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों में एक बड़ा बदलाव है। इस फैसले से न केवल मैगी बल्कि अन्य आयातित वस्तुओं की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस विवाद का असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा, जिससे घरेलू बाजार में भी कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
उपभोक्ताओं पर संभावित प्रभाव
मैगी जैसे लोकप्रिय उत्पाद की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर भारतीय उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। यह वृद्धि विशेष रूप से मध्यम वर्ग और छात्रों को प्रभावित कर सकती है, जो इंस्टेंट नूडल्स को अपने बजट में शामिल करते हैं। बढ़ी हुई कीमतों के कारण उपभोक्ताओं को वैकल्पिक उत्पादों की तलाश करनी पड़ सकती है। इसके अलावा, यह बदलाव घरेलू बाजार में स्थानीय नूडल्स उत्पादकों के लिए एक अवसर भी पैदा कर सकता है।